नई दिल्ली : अमेरिका अब दिवालिया (US Default News) नहीं होगा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को ट्रेजरी द्वारा निर्धारित समय सीमा से पांच दिन पहले कर्ज की सीमा बढ़ाने के बिल को पास कर दिया है। 5 जून अमेरिका में कर्ज की लिमिट (US Debt Ceiling) बढ़ाने के लिए आखिरी तारीख थी। अगर ऐसा नहीं होता तो अमेरिका इतिहास में पहली बार दिवालिया हो जाता। फॉक्स न्यूज ने बताया कि राष्ट्रपति जो बिडेन और हाउस स्पीकर केविन मैककार्थी के बीच कर्ज लिमिट डील पर बातचीत हुई थी। इसके बाद दिवालिया होने से कुछ ही दिन पहले कांग्रेस ने यह बिल पास कर दिया है।
क्या है कर्ज सीमा विवाद
अमेरिका सरकार कानूनी रूप से अपने खर्चों और दायित्वों को पूरा करने के लिए कर्ज लेती है। अमेरिका की संसद ने कानून बनाकर इस कर्ज को लेने की सीमा तय की हुई है, जिसे ऋण सीमा (Debt Ceiling) कहा जाता है। अमेरिकी संविधान के अनुसार कांग्रेस (संसद) को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार दिया गया है। बिना कांग्रेस की मंजूरी के सरकार तय ऋण सीमा से अधिक कर्ज नहीं ले सकती। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ऋण सीमा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे, जिसकी वजह से विवाद बना हुआ था। कर्ज की लिमिट नहीं बढ़ने पर अमेरिका का खजाना खाली हो सकता था, जिससे अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा था। इसका ना सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता।