ओवरहॉलिंग के लिए रूस गई थी भारत की पनडुब्बी, यूक्रेन युद्ध में वहीं फंसी रह गई

151
0

नई दिल्ली: मरम्मत के लिए रूस गई भारत की एक पनडुब्बी वहीं फंस कर रह गई है। इसका कारण रूस-यूक्रेन के बीच हुए युद्ध को बताया जा रहा है। साल 2014 में आईएनएस सिंधुरत्ना एक भीषण हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें दो सैनिकों की मौत भी हुई थी। हादसे के बाद इस पनडुब्बी को रूस के Severodvinsk में मरम्मत के लिए भेजा गया। उसी बीच रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया जिसके चलते यह पनडुब्बी वहीं फंस रह गई।

अमेरिका और पश्चिम देशों के रूस पर लगाए प्रतिबंध हैं कारण
भारत की पनडुब्बी के दोबारा न आ पाने का कारण अमेरिका सहित पश्चिम देशों की ओर से लगाए गए रूस पर प्रतिबंध भी हैं। इस युद्ध और प्रतिबंधों के चलते सतह से सतह पर मार करने वाली S-400 Triumf एयर मिसाइल सिस्टम की शुरुआती खेप भी देरी हुई है। हालांकि अब यह शुरू हो गई है। भारत और रूस के बीच इस मिसाइल सिस्टम को लेकर 2018 में कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। आपको बता दें कि आईएनएस रूस में ही बनाया गया था। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि देश के 60 फीसदी से ज्यादा मिलिट्री हार्डवेयर सोवियत या रूसी क्षेत्र से होते हैं। भारत मॉस्को पर लगे प्रतिबंध के चलते वैक्ल्पिक भुगतान तंत्र से जूझ रहा है लेकिन अब इसे भी संभाल लिया गया है।

नौसेना ने पिछले साल अक्टूबर में बनाई थी योजना
भारतीय नौसेना ने आईएनएस सिंधुरत्ना को समुद्र के रास्ते लिफ्ट करने की योजना पिछले साल अक्टूबर में बनाई थी। इसे कमर्शियल डॉक शिप की मदद से Severodvinsk शिपयार्ड से मुंबई लेकर आना था। लेकिन सेना ने नॉर्वे या ट्रोम्सो के किसी भी पोर्ट पर 2441 टन की किलो क्लास सब पनडुब्बी के विस्थापन के प्रस्ताव के लिए अनुरोध(RFP) या टेंडर में बदलाव कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि रूस से आईएनएस पनडुब्बी को भारत वापस आ जाना था लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते ट्रांसपोर्ट और बाकी दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हुई है। ऐसे में प्लान यह है कि इसे पहले नॉर्वेगियन पोर्ट लगाया जाएगा जहां से उसे सी-लिफ्ट वेसल की मदद से मुंबई लाया जाएगा। नौसेना INS सिंधुरत्ना को अगले महीने ट्रांसपोर्ट शिप में लोड करना चाहती है। जिसके बाद यह 35 दिन बाद मुंबई पहुंचेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here