मार्च में कैसी रहेगी ग्रहों की चाल ,देखिए किसका बदलेगा हाल
बुध ग्रह उदय और मार्गी :
वर्तमान समय में बुध ग्रह का गोचर कुंभ राशि में वक्री और अस्त है , जो कि 6 मार्च को बुध उदय होंगे और 10 मार्च को मार्गी होंगे । इस तरह पूरे मार्च महीने में बुध का गोचर कुंभ राशि में रहेगा । हालांकि पिछले कुछ दिन से बुध का गोचर राहु के नक्षत्र में है और बुध राहु की दृष्टि में भी है, इस तरह जब भी बुध ग्रह का संबंध 2 अलग अलग पापी ग्रह या दृष्टि / युति और नक्षत्र से बुध का संबंध पापी ग्रह से बने तो उन दिनों में बाजार में तेज़ी आती है, यह स्थिति 18 से 31 मार्च के दरमियान रहेगी । जबकि 4 से 17 मार्च के दरमियान मंगल के नक्षत्र में गोचर रहने से निवेश संबंधी फैसले में नुकसान होने की संभावना रहेगी, लेकिन जो लोग वाणी से संबंधित कार्य करते हैं जैसे कि मार्केटिंग टीचिंग , काउंसिलिंग एवं ट्रेवल बिजनेस से सम्बंधित हैं अथवा मीडिया से जुड़े पेशे से संबंधित है उनके लिए 17 मार्च तक का समय लाभ देने वाला रहेगा।
लग सकती है लॉटरी :
जो लोग लाटरी में भाग्य आजमाना चाहते हैं वह 3 से 17 मार्च के दरमियान लाटरी टिकट खरीद सकते हैं , इस समय दौरान की गई यात्राओ से भी लाभ होगा । जिनकी लग्न कुण्डली में मंगल 2, 3, 6, 10, 11वे भाव का स्वामी है उनको 3 से 17 मार्च के दरमियान धन प्राप्ति के लिए प्रयास करने पर सफलता मिलेगी , धन आने के योग बनेंगे ।
शुक्र ग्रह मेष राशि में :
29 फरवरी से शुक्र ग्रह का गोचर मेष राशि में है जो कि 28 मार्च तक रहेगा । केतु के नक्षत्र में शुक्र का गोचर 12 मार्च तक रहेगा , जो कि मीन राशि का स्वामी है इस तरह जिनकी भी लग्न कुण्डली में मीन राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए 12 मार्च तक धन से संबंधित कार्य के लिए समय अनुकूल रहेगा , जबकि जिनकी कुण्डली में मीन राशि 4, 8 या 12वे भाव में है उनको 12 मार्च तक धन से संबंधित कार्यों को सावधानी से करना चाहिए । इसके बाद शुक्र का गोचर खुद के नक्षत्र में होगा 24 मार्च तक, इस लिए जिनकी भी लग्न कुण्डली में शुक्र की राशियां ( वृषभ या तुला ) 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए आर्थिक रूप से 13 से 24 मार्च तक का समय बेहतर रहेगा । इस के बाद जिनकी लग्न कुण्डली में सिंह राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए 25 से 31 मार्च तक का समय बेहतर रहेगा ।
खत्म होगी दुश्मनी ,मिल सकती है सरकारी नौकरी :
जिनको भी किसी सरकारी कार्य से लाभ की इच्छा है या किसी विद्यार्थी ने सरकारी नोकरी के लिए फॉर्म भरना हो तो वह 12 मार्च तक कर सकते हैं, और अगर किसी के विवाह में रुकावट आ रही है तो वह रिश्ते की बात 13 से 24 मार्च के दरमियान शुरू करें , अगर किसी से मित्रता का प्रयास करना है , शत्रुता खत्म करनी है तो उस से बात 25 से 31 मार्च के दरमियान करें , प्रभु कृपा से सफलता की प्राप्ति होगी ।
मंगल ग्रह गोचर :
वर्तमान समय में मंगल ग्रह का गोचर धनु राशि में है और 22 मार्च से मंगल का गोचर मकर राशि में होगा । वर्तमान समय में मंगल का गोचर शुक्र के नक्षत्र में है, जिनकी भी लग्न कुण्डली में शुक्र की राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए 17 मार्च तक का समय आर्थिक मामलों के लिए सुखद है , खास कर धन से जुड़ा कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करना हो तो मंगलवार के दिन या मंगल ग्रह की होरा में करें तो निश्चित ही सफलता मिलेगी । लेकिन जिनकी जन्म कुण्डली में शुक्र की राशि 4, 8, 12वे भाव में है उनको आर्थिक मामलों में कार्य सावधानी से करने चाहिए , उनके लिए समय 17 मार्च तक अनुकूल नहीं । इस के बाद 18 मार्च से 31 मार्च तक मंगल का गोचर सूर्य के नक्षत्र में होगा, तो जिनकी भी जन्म लग्न कुण्डली में सिंह राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए 18 से 31 मार्च का समय बेहतर रहेगा वह अपने महत्वपूर्ण कार्य इस समय के दौरान कर सकते हैं । हालांकि ज्योतिष अनुसार मंगल ग्रह का गोचर 3, 6, 10, 11वे भाव में शूभता देता है इस बात का भी ध्यान रखें ।
राशि बदलेंगे सूर्य :
14 मार्च को सूर्य ग्रह मीन राशि में गोचर करेंगे अगले 30 दिन के लिए । वर्तमान समय में सूर्य का गोचर राहु के नक्षत्र में है जो कि 3 मार्च तक रहेगा, इस लिए सिंह लग्न या सिंह राशि वालों को बाजार निवेश से, शेयर बाजार, किसी भी अन्य खरीद बेच में मुनाफे की संभावना बनी रहेगी । इस के बाद सूर्य का गोचर 4 मार्च से 16 मार्च तक गुरु ग्रह के नक्षत्र में रहेगा, जिनकी भी लग्न कुण्डली में धनु या मीन राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनको 4 से 16 मार्च के दरमियान किये गए महत्वपूर्ण कार्यो से लाभ मिलेगा , खास कर अगर रविवार या सूर्य ग्रह की होरा में अगर वह कार्य करें तो निश्चित ही सफलता मिलेगी । जबकि जिनकी लग्न कुण्डली में धनु या मीन राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनको 4 से 16 मार्च के दरमियान किये गए महत्वपूर्ण कार्यो से लाभ मिलेगा , खास कर अगर रविवार या सूर्य ग्रह की होरा में अगर वह कार्य करें तो निश्चित ही सफलता मिलेगी । जबकि जिनकी लग्न कुण्डली में धनु या मीन राशि 4, 8, 12वे भाव में है उनको 4 से 16 मार्च के दरमियान नुकसान की स्थिति बनी रहेगी । इस के बाद 17 से 30 मार्च के दरमियान सूर्य का गोचर शनि के नक्षत्र में रहेगा, जिनकी भी लग्न कुण्डली में मकर और कुंभ राशि 2, 3, 6, 10, 11वे भाव में है उनके लिए 17 से 30 मार्च का समय शुभकारी रहेगा, वह अपने किसी भी तरह के महत्वपूर्ण कार्य रविवार के दिन या सूर्य की होरा में करेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी । लेकिन जिनकी जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह शत्रु ग्रहों की दृष्टि या युति में है वह पहले सूर्य की शूभता के लिए उपाये करें तभी उनको किये गए कार्यो में शुभ परिणाम मिलेंगे ।
फाल्गुन पूर्णिमा 9 को :
9 मार्च दिन सोमवार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी । फाल्गुन मास की पूर्णिमा को हिंदू कैलेंडर का आखिरी दिन माना जाता है। इस पूर्णिमा के बाद से चैत्र मास और हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो जाता है। फाल्गुन मास की इस पूर्णिमा को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है। इस पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन किया जाता है। जिसकी वजह से फाल्गुन मास की यह पूर्णिमा अति विशेष और लाभप्रद मानी जाती है। इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
चैत्र अमावस्या :
24 मार्च दिन मंगलवार को चैत्र महीने की अमावस्या तिथि रहेगी । हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है. पितृ तर्पण करने के लिए नदी में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए। इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।