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अफगानिस्तान पर US के स्टैंड से खफा एंजेलिना जोली

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अफगानिस्तान में तालिबान राज का 1 साल हो गया है। वहां महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों में कमी नहीं आई है। देश में रह रहीं महिलाओं की स्थिति भी पूरी दुनिया से छिपी नहीं है। सोशल वर्क को लेकर सुर्खियों में बनी रहने वाली हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली ने अफगान महिलाओं की व्याथा और अपना दुख बयां किया है।

एंजेलिना जोली ने लिखा- रोम में मैं एक अफगान शरणार्थी से मिली, तालिबान के सत्ता में आने के बाद जिसे डॉक्टर की डिग्री लेने में महीनों लग गए। उसकी बड़ी बहन यूनिवर्सिटी में डेंटिस्ट्री की पढ़ाई कर रही थी। उसकी दोनों छोटी बहनें स्कूल में थीं। रातों रात उनसे सब छिन गया। वो कहती है मैं अपने लिए नहीं उस जैसी 1 करोड़ 40 लाख अफगान महिलाओं के लिए दुखी हूं, जिनसे पढ़ने, काम करने और कहीं आने-जाने तक का अधिकार छीन लिया गया। उसके पिता अफगानिस्तान के ग्रामीण विकास विशेषज्ञ के तौर पर काम करते थे। उन्हें अपने परिवार के साथ सब कुछ छोड़कर जाना पड़ा।

पश्चिमी देशों ने मदद देने की बात कही थी
एंजेलिना कहता हैं- 9/11 से पहले अफगान महिलाओं को पत्थर और कोड़े मारने की सजा दी जाती थी। तालिबान ने उनकी शिक्षा पर बैन लगाने के फरमान जारी किए थे। इसके खिलाफ दुनिया भर में आवाज उठी थी। अमेरिका और पश्चिमी देशों के नेताओं ने तालिबान को हटाने और अफगानी महिलाओं के अधिकारों की बात कही थी। एक साल पहले अफगानी महिलाएं डॉक्टर, शिक्षक, कलाकार, पुलिस अधिकारी, जज, पत्रकार, वकील और राजनीतिज्ञ के तौर पर काम करती थीं। गांवों में हालात इतने बेहतर तो नहीं थे, फिर भी कमोबेश ठीक थे। ये सब एक झटके में खत्म हो गया।
पिछली बार के तालिबान सरकार में जिन बच्चियों ने लड़कों के वेश में पढ़ाई की थी। वकील और पत्रकार बनीं। अपने देश की बेहतरी में योगदान दिया। अपने नेताओं और दुनिया के बेहतरी के वादों पर यकीन किया। वे वादे तोड़ दिए गए। उनके साथ धोखा हुआ। अफगानिस्तान की औरतें फिर सड़कों पर पीटी जा रही हैं। तालिबानी नेताओं से जबरन शादी कराने के लिए बच्चियों को उनके घरों से उठाया जा रहा है। देश की जेल महिला राजनैतिक बंदियों से भरी पड़ी हैं।

अत्याचार करके शांति नहीं लाई जा सकती
एंजेलिना जोली ने लिखा- एक महिला और मां होने के नाते मैं अफगानी परिवारों के बारे में सोच के ही घबरा जाती हूं। बावजूद इसके अफगानिस्तान की महिला अधिकारों की बात बाहर के ताकतवर देशों से नहीं, खुद उन महिलाओं के जरिए उठ रही है, जो महिला अधिकारों के लिए अब भी सड़कों पर हैं। अफगान महिलाएं न केवल अफगानिस्तान के लिए, बल्कि सारी दुनिया की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए महत्वपूर्ण संसाधन हैं। उन पर अत्याचार करके लाई गई शांति, शांति तो कतई नहीं है। यह ऐसा युद्ध है, जिसे एक समाज अपने आप में लगातार लड़ रहा है। मैं उम्मीद करती हूं कि तालिबानी नेता समझेंगे कि अफगान महिलाओं के उत्पीड़न से वे क्या खो रहे हैं।

अमेरिकी सरकार पर सवाल
अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर एंजेलिना ने अमेरिकी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने लिखा- अमेरिका और साथी देशों को शर्म आनी चाहिए कि 20 साल के संघर्ष के बाद भी हम असफल रहे। पर हमें नहीं भूलना चाहिए कि हम इसका हिस्सा क्यों बने थे। वजह अभी खत्म नहीं हुई। पिछले कुछ सालों में अमेरिका अफगान महिलाओं से किए गए अपने वादे से धीरे-धीरे मुकर गया। हम कूटनीति के नाम पर महिलाओं पर अत्याचार के लिए तालिबान को और छूट नहीं दे सकते। बच्चियों में पढ़ने की भूख है। उन्हें स्कूल जाने का अधिकार चाहिए। हमें उन्हें यकीन दिलाना होगा कि वे अकेली नहीं हैं। उम्मीद है एक दिन मैं अपनी बेटियों के साथ आपका खूबसूरत देश घूमने आऊंगी। आप आजाद होंगे। चीजें यहीं खत्म नहीं होतीं।

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