नवसंवत्सर के शुभारम्भ पर जानिए हिन्दू वर्ष कैलेण्डर और तथ्य
नवसंवत्सर ;जानिए हिन्दू वर्ष कैलेण्डर और तथ्य
बहुत खुशी की बात यह है कि प्रमादी नाम का यह विक्रम संवत् इस चैत्र की अमावस्या को...
सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-३/राम का पक्ष साहित्य परंपरा में
सीता-निर्वासन की कथा: अवध के लोकगीतों में-३
―कमलाकांत त्रिपाठी
राम का पक्ष: साहित्य-परम्परा में-
कोटि-कोटि लोगों की आस्था के केंद्र राम का भी कोई पक्ष तो होगा,...
सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-२
"सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-२"
―कमलाकांत त्रिपाठी
प्रथम अंक पढ़ें- https://www.newspostmortem.com/sita-expulsion-in-the-folklore-of-awadh/
क्या सीता वन से वापस लौटीं ?
इस प्रसंग पर कम से कम दो अलग-अलग सोहर-गीत हैं। एक...
सीता-निर्वासन : अवध के लोकगीतो में―कमलाकांत त्रिपाठी
"सीता-निर्वासन : अवध के लोकगीतो में"
―कमलाकांत त्रिपाठी
राम-कथा मिथक है, इतिहास नहीं. लेकिन कोई भी मिथक शून्य में नहीं बनता।कुछ यथार्थ में घटित होता है...
गणेश चतुर्थी विशेष-भगवान गजानन:सर्वसिद्धि प्रदाता ज्ञान -विज्ञान के अक्षय कोष
भगवान गजानन:सर्वसिद्धि प्रदाता ज्ञान विज्ञान के अक्षय कोष
―डॉ.मधुसूदन पराशर "उपाध्याय"
पाँच तत्वों- पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल- से समुद्भूत ही समस्त जीवों के शरीर...
हे पार्थ! जो कर्ता नहीं बनता, वही मुक्त होता है ―डॉ.विवेक चौरसिया
हे पार्थ! जो कर्ता नहीं बनता, वही मुक्त होता है
―डॉ.विवेक चौरसिया
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जगतवंद्य, जगदीश्वर श्रीकृष्ण की भक्त वत्सलता का आलम यह है कि एक बार जिसे...
जीवन की राह दिखाते भगवान श्रीकृष्ण :मधुराधिपते: अखिलं मधुरम् ―डॉ.विवेक चौरसिया
जीवन की राह दिखाते भगवान श्रीकृष्ण :मधुराधिपते: अखिलं मधुरम्
-डॉ.विवेक चौरसिया
भगवान श्रीकृष्ण हर कोण से अद्भुत हैं, अनुपम और अद्वितीय हैं। उनके जीवन का कैनवास...
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: जानिए भगवान श्रीकृष्ण की सोलह कलाएँ और उसके पीछे की कहानियाँ
भगवान् श्रीकृष्ण की सोलह कलाएं ----
१. अमृतदा --- जीवात्मा तथा परमात्मा का साक्षात्कार कराकर ज्ञान रूपी अमृत पिलाकर मुक्त करने वाली कला अमृतदा है...
सभ्यता एवं संस्कृति के पुनर्प्रतिष्ठित होने का प्रतीक राम मन्दिर ―कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल
सभ्यता एवं संस्कृति के पुनर्प्रतिष्ठित होने का प्रतीक राम मन्दिर
―कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल
वर्षों से आक्रांताओं के पाश में जकड़ी हुई अयोध्या अब श्रीराममय हो चुकी...
एक दोहे में निबद्ध:सन्त कवि गोस्वामी तुलसीदास का सुचिन्तित आर्थिक दर्शन
अन्तर्पाठ
एक दोहे में निबद्ध:सन्त कवि तुलसीदास का सुचिन्तित आर्थिक दर्शन
―सवाई सिंह शेखावत
मणि मानिक महंगे किए,सहजे तृण,जल नाज।
तुलसी सोई जानिए, राम गरीब निवाज।।
- गोस्वामी तुलसीदास
कवियों...