धन्य वह भूमि जहां साक्षात् शंकर के चरण पड़े

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धन्य वह भूमि जहां साक्षात् शंकर के चरण पड़े वैशाख शुक्लपंचमी/ जयराम शुक्ल राष्ट्र की सनातन संस्कृति के अविरल प्रवाह की प्रशस्ति के लिए सर्वप्रिय गीत-...

जीवन पथ को आलोकित करते महावीर स्वामी

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‘जीवन पथ को आलोकित करते महावीर स्वामी’ ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय सनातन धर्म संस्कृति जिसमें सदैव सत्य की अनुभूति ,खोज तथा उसका वैयक्तिक और सामूहिक तौर...

जानिए ऑक्सीजन स्तर सुधारने के अचूक रामबाण उपाय

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ऑक्सीजन स्तर आसानी से सुधारें----- होम्योपैथी में नुस्ख़े बताना उचित नहीं है, क्योंकि ज़्यादातर लोगों का दिमाग़ एलोपैथी के हिसाब से प्रशिक्षित है। बार-बार समझाइए...

सनातन धर्म का दार्शनिक आधार

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सनातन धर्म का दार्शनिक आधार ―कमलाकांत त्रिपाठी सर्वविदित है कि भारत में आविर्भूत सभी ‘धर्म’ जीवन-दर्शन पर आधारित हैंः यहाँ किसी धर्म का आधार मसीहा...

विश्व की महान संस्कृति का ध्वजवाहक है हिन्‍दू नववर्ष

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विश्व की महान संस्कृति का ध्वजवाहक है हिन्‍दू नववर्ष ―कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल हमारी भारतीय संस्कृति का पावन पुनीत पर्व जिसे सृष्टि का आरंभ कहते यह पर्व...

नवसंवत्सर के शुभारम्भ पर जानिए हिन्दू वर्ष कैलेण्डर और तथ्य

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नवसंवत्सर ;जानिए हिन्दू वर्ष कैलेण्डर और तथ्य बहुत खुशी की बात यह है कि प्रमादी नाम का यह विक्रम संवत् इस चैत्र की अमावस्या को...

सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-३/राम का पक्ष साहित्य परंपरा में

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सीता-निर्वासन की कथा: अवध के लोकगीतों में-३ ―कमलाकांत त्रिपाठी राम का पक्ष: साहित्य-परम्परा में- कोटि-कोटि लोगों की आस्था के केंद्र राम का भी कोई पक्ष तो होगा,...

सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-२

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"सीता-निर्वासन: अवध के लोकगीतों में-२" ―कमलाकांत त्रिपाठी प्रथम अंक पढ़ें- http://3.226.252.201/sita-expulsion-in-the-folklore-of-awadh/ क्या सीता वन से वापस लौटीं ? इस प्रसंग पर कम से कम दो अलग-अलग सोहर-गीत हैं। एक...

सीता-निर्वासन : अवध के लोकगीतो में―कमलाकांत त्रिपाठी

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"सीता-निर्वासन : अवध के लोकगीतो में" ―कमलाकांत त्रिपाठी राम-कथा मिथक है, इतिहास नहीं. लेकिन कोई भी मिथक शून्य में नहीं बनता।कुछ यथार्थ में घटित होता है...

गणेश चतुर्थी विशेष-भगवान गजानन:सर्वसिद्धि प्रदाता ज्ञान -विज्ञान के अक्षय कोष

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भगवान गजानन:सर्वसिद्धि प्रदाता ज्ञान विज्ञान के अक्षय कोष ―डॉ.मधुसूदन पराशर "उपाध्याय"   पाँच तत्वों- पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल- से समुद्भूत ही समस्त जीवों के शरीर...
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