राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा!
राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा!
-जयराम शुक्ल
चाटुकारिता भी कभी-कभी इतिहास में सम्मान योग्य बन जाती है। आपातकाल के उत्तरार्ध में यही हुआ। पूरे...
जब जेपी की हुँँकार से सिंहासन हिल उठे!
यादों में आपातकाल-दो
जब जेपी की हुंकार से सिंहासन हिल उठे!
―जयराम शुक्ल
कांग्रेस के अध्यक्ष देवकांत बरुआ का नारा इंदिरा इज इंडिया गली कूँचों तक गूँजने...
मीसा की कलुष स्मृतियाँ : क्रूरता की पराकाष्ठा और धैर्य से प्रतिउत्तर देते लोकतंत्र...
मीसा की कलुष स्मृतियाँ : क्रूरता की पराकाष्ठा और धैर्य से प्रतिउत्तर देते लोकतंत्र के सेनानी
–डॉ विकास दवे
(निदेशक, साहित्य अकादमी म. प्र.)
25 जून का...
यादों में आपातकाल- एक अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व!
यादों में आपातकाल- एक
अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व..!
-जयराम शुक्ल
पंद्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक इन्हें कब का भुला चुकी...
साक्षात् चण्डी का अवतार थीं रानी दुर्गावती
'साक्षात् चण्डी का अवतार थीं रानी दुर्गावती'
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल
रानी दुर्गावती एक ऐसा नाम जिनके स्मरण मात्र से वीरता की भावना का ज्वार स्वतः उठने...
साँच कहै ता मारन धावै झूठे जग पतियाना!!
साँच कहै ता मारन धावै झूठे जग पतियाना!!
कबीर जयंती/जयराम शुक्ल
कबीर कब पैदा हुए कब मरे, हिंदू की कोख से कि मुसलमान की, उन्हें दफनाया...
कबीर के राम
“ कबीर के राम ”
―डॉ.राजेन्द्र कुमार सिंघवी
कबीर भया है केतकी, भँवर भये सब दास ।
जहाँ-जहाँ भक्ति कबीर की, तहँ-तहँ राम-निवास ।।
अर्थात् कबीर के ‘राम’...
अष्टाङ्ग योग का उद्देश्य
अष्टाङ्ग योग का उद्देश्य
-प्रियांशु सेठ (वाराणसी)
मनुष्य जीवन दो उद्देश्यों से बंधा है- श्रेय: (धर्म-मार्ग) और प्रेय: (भोग-मार्ग)। भोगवादी मनुष्य प्रेय: को अपने जीवन का...
संकट में प्राण; मगर हम नहीं सुधरेंगे!
संकट में प्राण; मगर हम नहीं सुधरेंगे!
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल
कोरोना कर्फ्यू ,लॉकडाउन धीरे-धीरे अनलॉक हो चुका है।आर्थिक गतिविधियाँ चलने लगी हैं,लेकिन कोरोना के खतरे की...
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी
झाँसी की रानी
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी...