– सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन नामक 2 वैक्सीन को अनुमति दी है।
– कोवैक्सीन का अभी तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नही हुआ है इसलिए इसे सशर्त अनुमति दी गई है। इस वैक्सीन को ट्रायल मोड में लगाया जाएगा।
– वैक्सीन का अभी सरकार से खरीदी कॉन्ट्रैक्ट नही हुआ है। जब यह कॉन्ट्रैक्ट हो जाएगा उसके बाद सप्लाई होगी फिर टीकाकरण शुरू होगा। कॉन्ट्रैक्ट होने मे कुछ दिन या सप्ताह लग सकते हैं। पीएम ने 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत की घोषणा की है।
– कोविशील्ड का एफिकेसी रेट 70 फीसदी है। अर्थात 100 में 70 लोगों पर यह वैक्सीन प्रभावी होगी। कोवैक्सीन का थर्ड ट्रायल पूरा नही होने से उसकी एफिकेसी पता नही है
– इन वैक्सीन की दो डोज लगनी जरूरी। दोनो डोज के बीच 28 दिन का अंतर होना चाहिए।
– वैक्सीन लगने के तुरंत बाद कोरोना से बचाव नही होगा। इसके लगने के 28 दिन तक सामान्य स्थितियां रहेंगी क्योंकि तब तक एंटीबॉडी डेवलप पूरी तरह नही होंगी। इसलिए 28 दिन के पहले कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कोरोना पॉजिटिव होने की संभावना बनी रहेगी।
– कोविशील्ड को 6 महीने तक सामान्य फ्रीज तापमान में स्टोर रख सकते। एक बॉयल में 10 डोज होंगे। बॉयल खुलने के 6 घण्टे के अंदर पूरी डोज लगानी होगी। इस पूरे दौरान बॉयल को कोल्ड बॉक्स में रखना होगा। धूप के सम्पर्क में आने पर वैक्सीन तत्काल खराब हो जाएगी।
– वैक्सीन इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन से लगेगी। हर वैक्सीन की तरह इसका भी लगाने से पहले एलर्जिक टेस्ट जरूरी है अर्थात एनाफायलैक्टिक शॉक की भी निगरानी होगी। लेकिन इनमे रिएक्शन नही आने से इस टेस्ट को लेकर विभागीय चुप्पी है।
– वीसी में दिए निर्देश के अनुसार वैक्सीन सबसे पहले जिले के CMHO को लगाई जाएगी
Home मध्यप्रदेश