मजबूरी के किस्से सुना कर लोगों को अपने झांसे में लेने और फिर उनके खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करवा कर नगद रकम प्राप्त कर ठगी करने के नायब तरीके से लोगों को शिकार बनाने वाले दो शातिर ठगों को सतना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने शहर के कई किओस्क सेंटरों के संचालकों को अपना शिकार बनाया था। इनका जमतारा कनेक्शन भी सामने आया है।
हासिल जानकारी के मुताबिक सतना की सिटी कोतवाली पुलिस ने झारखंड के जमतारा की फ्रॉड गैंग से जुड़े दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में रावेंद्र नामदेव पिता राजेन्द्र प्रसाद नामदेव 26 वर्ष निवासी ग्राम इलहा थाना देवेंद्रनगर पन्ना एवं अवधेश चौधरी पिता विशाल चौधरी 28 वर्ष निवासी रानीगंज जिला पन्ना मप्र शामिल हैं। इनके कब्जे से मोबाइल फोन और कई बैंकों के एटीएम जब्त किए गए हैं। आरोपी अवधेश के खिलाफ पन्ना कोतवाली में धोखाधड़ी और ठगी के प्रकरण पहले से भी दर्ज हैं जबकि रावेंद्र के खिलाफ देवेंद्रनगर थाना में आर्म्स एक्ट,अवैध शराब बिक्री और मारपीट के कई आपराधिक मामले पंजीबद्ध हैं। ये दोनों पिछले लगभग 2 महीने से सतना शहर में सक्रिय थे और शहर में किओस्क सेंटर चलाने वाले लोगो को अपना शिकार बना कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस को पूछताछ और जांच के दौरान इनका जमतारा कनेक्शन भी पता चला है। सतना में ठगी की वारदातों को इन दोनों ने झारखंड के जमतारा निवासी मनोज कुमार मंडल और अब्दुल रहमान निवासी सुल्तानपुर के साथ मिलकर अंजाम दिया था।
पुलिस ने बताया कि ये ठग पहले लोगों को अपनी मुसीबत की कहानी सुना कर इमोशनल करते थे और फिर उन्हें झांसे में लेकर उनके खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करवा कर उनसे उतनी ही रकम नगद प्राप्त कर लेते थे। बाद में उस खाते का पेमेंट बैंक को सूचना देकर होल्ड करा दिया जाता था जिसमे ऑनलाइन रकम ट्रांसफर कर नगदी प्राप्त की जाती थी। सतना पुलिस को इन ठगों तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी।इस मामले में आरोपियों तक पहुंचने में सतना पुलिस की साइबर सेल ने बड़ी भूमिका निभाई।
नगदी ली और होल्ड करा दिया बैंक में पेमेंट-
टीआई सिटी कोतवाली भूपेंद्र मणि पांडेय ने बताया कि गत 24 मई को शहर के फूलचंद चौक पर किओस्क संचालित करने वाले राजीव गुप्ता के साथ रावेंद्र और अवधेश ने 50 हजार की ठगी की। राजीव को बिरला अस्पताल में लड़का भर्ती होने की कहानी सुना कर 50 हजार रुपए कैश देने के लिए राजी किया और फिर उनसे नगदी प्राप्त कर खाते में 50 हजार ट्रांसफर भी करवा दिए। लेकिन अगले दिन राजीव गुप्ता के खाते में भेजी गई रकम बैंक से होल्ड करवा दी। इतना ही नही फिर 27 मई को रकम क्रेडिट कार्ड में डलवा देने की बात की लेकिन कार्ड नंबर पूछने दूसरे को भेज दिया। राजीव गुप्ता ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई।पुलिस ने जांच शुरू की तो साइबर सेल के जरिये सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नंबरो के जरिये आरोपी पकड़ में आ गए।
खुलते गए मामले-
पुलिस ने जब दोनो आरोपियों से पूछताछ शुरू की तो सामने आए मामलों ने हैरान कर दिया। किओस्क संचालक राजीव गुप्ता इनका कोई पहला शिकार नहीं था। उससे पहले इन ठगों ने 18 अप्रैल को स्टेशन रोड पालिका बाजार में किओस्क चलाने वाले आकाश जैसवाल के साथ 1 लाख 52 हजार 910 रुपए की ठगी की। इसके अलावा राजेन्द्र नगर गली नंबर 3 में साइबर कैफे एवं किओस्क चलाने वाले अरुण कुमार दाहिया से भी 63 हजार 600 रुपए नगद लेकर रकम खाते में डलवाई और पेमेंट होल्ड करा दी। इनका शिकार बने सभी लोगों ने सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी।
टीआई कोतवाली ने बताया कि आरोपी अवधेश को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है जबकि रावेंद्र को पुलिस रिमांड पर लेकर उससे और पूछताछ की जा रही है। सुल्तानपुर और जमतारा में बैठे इनके सहयोगियों की तलाश के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली टीम में सिटी कोतवाली के सब इंस्पेक्टर आरपी त्रिपाठी,हेड कांस्टेबल विकास सिंह,अखंड प्रताप सिंह,विनय प्रजापति, आरक्षक शंकर दयाल,संदीप सिंह परिहार के अलावा साइबर सेल प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह एवं एएसआई दीपेश पटेल शामिल रहे।